भाग - १
मङ्गलाचरण
दशरथ-कैकेयी-संवाद और दशरथ-शोक, सुमन्त्र का महल में जाना और वहाँ से लौटकर श्रीरामजी को महल में भेजना
श्रीरामजी, लक्ष्मणजी, सीताजी का महाराज दशरथ के पास विदा माँगने जाना, दशरथजी का सीताजी को समझाना
श्रीसीताजी का स्वप्न, श्रीरामजी को कोल-किरातों द्वारा भरतजी के आगमन की सूचना, रामजीका शोक, लक्ष्मणजी का क्रोध
भरतजी का मन्दाकिनी-स्नान, चित्रकूट में पहुँचना, भरतादि सबका परस्पर मिलाप, पिता का शोक और श्राद्ध
भरतजी का अयोध्या लौटना, भरतजी द्वारा पादुका की स्थापना, नन्दिग्राम में निवास और श्रीभरतजी के चरित्र-श्रवण की महिमा
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