श्रीमद्भगवद्गीता - यथारूप
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
यह एक हिंदू धर्मग्रंथ है जिसमें ७०० श्लोकों की रचना अर्जुन और भगवान् कृष्ण के बीच संवाद के रूप में की गई है, यह संस्कृत महाकाव्य महाभारत की एक उपकथा के रूप में प्राप्त है । महाभारत में वर्तमान कलियुग तक की घटनाओं का विवरण मिलता है । इसी युग के प्रारम्भ में आज से लगभग ५,००० वर्ष पूर्व भगवान् श्रीकृष्ण ने अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था ।