एवं परम्पराप्राप्तम् इमं राजर्षयो विदुः (भगवद्गीता ४.२) । यह भगवद्गीता यथारूप इस गुरु-परम्परा द्वारा प्राप्त हुई है :
- श्रीकृष्ण
- ब्रह्मा
- नारद
- व्यास
- मध्व
- पद्मनाभ
- नृहरि
- माधव
- अक्षोभ्य
- जयतीर्थ
- ज्ञानसिन्धु
- दयानिधि
- विद्यानिधि
- राजेन्द्र
- जयधर्म
- पुरुषोत्तम
- ब्रह्मण्यतीर्थ
- व्यासतीर्थ
- लक्ष्मीपति
- माधवेन्द्रपुरी
- ईश्वरपुरी (नित्यानन्द, अद्वैत)
- श्रीचैतन्य महाप्रभु
- रूप (स्वरूप, सनातन)
- रघुनाथ, जीव
- कृष्णदास
- नरोत्तम
- विश्वनाथ
- (बलदेव) जगन्नाथ
- भक्तिविनोद
- गौरकिशोर
- भक्ति सिद्धान्त सरस्वती
- ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद ।